- दस्त के आने पर
4 ग्राम मैथी के साग को देशी घी में डालकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से दस्त का बार-बार आना बंद हो जाता है।
- कमजोरी
1. 6 ग्राम गुलशकरी की जड़ को 10 ग्राम मिश्री मिले दूध के साथ पीने से कमजोरी मिट जाती है।
2. 5 से 10 ग्राम मैथी के बीज को सुबह-शाम गुड़ में मिलाकर सेवन करने से कमजोरी दूर हो जाती है।
- कान का बहना
मैथी के दानों को दूध में भिगो लें। फिर इसे दूध में से निकालकर पीस लें और गुनगुना करके कान में डालें। इससे कान में से मवाद बहना बंद हो जाता है।
- मासिक-धर्म सम्बंधी परेशानियां
50 ग्राम मैथी के बीज
और 40 ग्राम मूली के बीज को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को नियमित रूप से 2-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मासिक-धर्म सम्बन्धी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
मेथी (methi)खाने में गर्म होती है।
- हानिकारक:
जिनकी प्रकृति गर्म हो और शरीर के किसी भी अंग से खून गिरता हो, जैसे- खूनी बवासीर, नाक से खून का गिरना(नकसीर), पेशाब में खून आना, मासिक-धर्म में अधिक खून आना और कई दिनों तक आते रहना आदि रोग हो, उन्हें तेज गर्मी के मौसम में मेथी का प्रयोग कम और सावधानी से करना चाहिए। मेथी का प्रभाव गर्म होता है। अत: इसे सर्दी के मौसम में सेवन करना अधिक लाभदायक है। मेथी अधिक मात्रा में खाने से पित्त बढ़ती है, इसलिए इसका सेवन मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए।