सोराइसिस, मुंह की दुर्गन्ध, पायरिया, खूनी दस्त व लकवा में मैथीदाना से इलाज
- सोराइसिस
सोराइसिस रोग में मैथी का सेवन करना लाभदायक होता है।
- मुंह में दुर्गन्ध
2 चम्मच मैथी दानों को 1 गिलास पानी में उबालकर पानी छान लें। फिर मैथी दानों को खाकर आधे पानी से कुल्ला करें और बचा हुआ आधा पानी पीने से मुंह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।
- पायरिया
दाना मैथी को भिगोकर पानी छानकर पी जायें तथा मैथी और मिश्री को मिलाकर खायें। इससे पायरिया में लाभ होता है।
- खूनी दस्त
- मैथी के पत्तों के रस में काली द्राक्ष पीसकर पानी में मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार (खूनी दस्त) में बहुत लाभ होता है।
- मैथी के बीजों को भूनकर, फिर उसका पेस्ट बनाकर रोजाना सेवन करने से रक्तातिसार (खूनी दस्त) का रोग दूर हो जाता है।
- लकवा
रोज 2 चम्मच दाना मैथी या उसके बूरे का सेवन करने से सारे रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। जैसे- लकवा, पोलियो, हृदय (दिल) रोग, निम्न एवं उच्च रक्तचाप, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज), गठियाबाय, सांस की बीमारी, हड्डी का बुखार, बवासीर और जोड़ों का दर्द आदि।
मेथी (methi)खाने में गर्म होती है।
- हानिकारक:
जिनकी प्रकृति गर्म हो और शरीर के किसी भी अंग से खून गिरता हो, जैसे- खूनी बवासीर, नाक से खून का गिरना(नकसीर), पेशाब में खून आना, मासिक-धर्म में अधिक खून आना और कई दिनों तक आते रहना आदि रोग हो, उन्हें तेज गर्मी के मौसम में मेथी का प्रयोग कम और सावधानी से करना चाहिए। मेथी का प्रभाव गर्म होता है। अत: इसे सर्दी के मौसम में सेवन करना अधिक लाभदायक है। मेथी अधिक मात्रा में खाने से पित्त बढ़ती है, इसलिए इसका सेवन मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए।