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- गठिया रोग (जोड़ों के दर्द में) मैथीदाना के प्रयोग :
- मैथी के दानों का चूर्ण 1 चम्मच सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से जोड़ों का दर्द, लकवा और कमर दर्द दूर हो जाता है।
- मैथी की सब्जी खाने से खून में सफाई और शुद्धता आती है।
- वात रोग में मैथी का आटा छाछ में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है, इसके सेवन से वायु (गैस), कफ (बलगम) और बुखार (ज्वर) दूर होता है। यह पेट के कीड़े, दर्द, सन्धिवात (गठिया), पेट में वायु गोले, कमर का दर्द और शारीरिक पीड़ा को दूर करता है।
- 50-50 ग्राम मैथी और सूखा आंवला, 10 ग्राम काला नमक को मिलाकर बारीक पीस लें। इसे 2 चम्मच लेकर पानी से 2 बार फंकी के रूप में लेने से गैस निकालकर वात व गठिया में लाभ होता है।
- मैथी, सोंठ और हल्दी को बराबर मात्रा में मिलाकर, पीसकर रोजाना सुबह-शाम खाना खाने के बाद गर्म पानी से 2-2 चम्मच फंकी लेने से गठिया रोग में लाभ होता है।
- रोजाना सुबह-भूखे पेट 1 चम्मच पिसी हुई दाना मैथी में 1 ग्राम कलौंजी मिलाकर रोजाना एक बार फंकी लेते रहने से 2 सप्ताह में ही घुटनों के दर्द में लाभ होता है।
- दाना मैथी हमेशा सुबह खाली पेट, दोपहर में तथा रात को भोजन के बाद आधा चम्मच पानी के साथ फांकने से घुटनों के सभी जोड़ मजबूत होते हैं और घुटनों का दर्द व एड़ी का दर्द दूर होता है।
- हल्दी, गुड़, पिसी दाना मैथी और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर गर्म करके इनका गर्म-गर्म लेप रात को घुटनों पर लगाकर पट्टी बांधें। इस पट्टी को सुबह ही खोलें। इससे घुटनों का दर्द दूर होता है।
- 4 चम्मच दाना मैथी रात को 1 गिलास पानी में भिगो दें। सुबह पानी को छानकर गुनगुना गर्म करके पीयें।
- भीगी मैथी को गीले कपडे़ में पोटली बांधकर रख दें। 24 घण्टे बाद पोटली को खोलें। इसमें अंकुर निकल आएंगे। फिर अंकुरित मैथी को खायें। नमक-मिर्च अन्य चीज न मिलायें। ऐसा कुछ महीने करते रहे। इससे वात, गठिया और घुटनों के दर्द आदि में लाभ होगा।
- 100 ग्राम दाना मैथी को पीसकर स्वादानुसार इसमें 20 ग्राम पिसी कालीमिर्च और 10 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर 2 चम्मच सुबह-शाम खाने के बाद पानी के द्वारा फंकी लेने से वात रोग, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द और पेट दर्द में लाभ होता है।
- मैथी को पीसकर उसकी फंकी लेने से 40 दिन के अन्दर बुढ़ापे के कारण उत्पन्न घुटनों के दर्द में आराम मिलता है।
- 10 ग्राम मैथी के दानों को पीसकर हल्के गर्म पानी के साथ खाने से गठिया रोग (जोड़ों का दर्द) ठीक होता है।
- मैथी के 30 ग्राम दानों को रात में पानी में डालकर रखें, सुबह जल्दी उठकर दानों को थोड़ा-सा मसलकर, पानी को छानकर थोड़ा-सा गर्म करके पीने से गठिया रोग (जोड़ों का दर्द) में बहुत लाभ होता है।
मेथी (methi)खाने में गर्म होती है।
- हानिकारक:
जिनकी प्रकृति गर्म हो और शरीर के किसी भी अंग से खून गिरता हो, जैसे- खूनी बवासीर, नाक से खून का गिरना(नकसीर), पेशाब में खून आना, मासिक-धर्म में अधिक खून आना और कई दिनों तक आते रहना आदि रोग हो, उन्हें तेज गर्मी के मौसम में मेथी का प्रयोग कम और सावधानी से करना चाहिए। मेथी का प्रभाव गर्म होता है। अत: इसे सर्दी के मौसम में सेवन करना अधिक लाभदायक है। मेथी अधिक मात्रा में खाने से पित्त बढ़ती है, इसलिए इसका सेवन मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए।
अस्वीकरण
मैं अपने किसी भी हेल्थ मेसेज का 100% सही होने का दावा नहीं करता । इस टिप्स से काफी लोगों को फायदा हुआ है। कृपया आप किसी भी हेल्थ टिप्स का अपने ऊपर प्रयोग करने से पूर्व अपने वैद्यराज जी से राय लेवें ।
राजीव जैन
अध्यक्ष
बाल सेवा समिति, भीलवाड़ा
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