मैथी में इतने सारे गुण है कि, आप सोच भी नहीं सकते है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि एक ऐसी दवा है जिसमें हर बीमारी को खत्म करने का दम है। आइए आज हम आपको मैथी के पानी के कुछ चमत्कारिक तरीके बताते हैं।
मेथीदाना से कई इलाज होते हैं ये हमारी अगली पोस्ट में पढें।
- मेथीदाना:
उष्ण, वात व कफनाशक, पित्तवर्धक, पाचनशक्ति व बल वर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है। यह पुष्टिकारक, शक्ति स्फूर्तिदायक टाॅनिक की तरह कार्य करता है। सुबह शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है, कब्ज व गैस को दूर करता है। इसकी मूंग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं। यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभकारी है।
अपनी आयु के जितने दिन व्यतीत हो चुके हैं, उतनी संख्या में मैथीदाने रोज धीरे धीरे चबाना या चूसने से वृद्धावस्था में पैदा होने वाली व्याधियों, जैसे घुटनों व जोड़ों का दर्द, भूख न लगना, हाथों का सून्न पड़ जाना, सायटिका, मांसपेशियों का खिचाव , बार बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है।
गर्भवति व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भुने हुए मेथीदानों का चूर्ण आटे के साथ मिलाकर लड्डू बनाकर खाना लाभकारी है।
- स्वभाव:
मेथी (methi)खाने में गर्म होती है।
- हानिकारक:
जिनकी प्रकृति गर्म हो और शरीर के किसी भी अंग से खून गिरता हो, जैसे- खूनी बवासीर, नाक से खून का गिरना(नकसीर), पेशाब में खून आना, मासिक-धर्म में अधिक खून आना और कई दिनों तक आते रहना आदि रोग हो, उन्हें तेज गर्मी के मौसम में मेथी का प्रयोग कम और सावधानी से करना चाहिए। मेथी का प्रभाव गर्म होता है। अत: इसे सर्दी के मौसम में सेवन करना अधिक लाभदायक है। मेथी अधिक मात्रा में खाने से पित्त बढ़ती है, इसलिए इसका सेवन मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए।