1 लहसुन 5 ग्राम
2 राई 5 ग्राम
3 तुलसी 25 पत्ते
4 शहद 50 ग्राम
5 सेव फल 5 ग्राम
6 गुगल 5 ग्राम
7 लौकी 5 ग्राम
8 निरगुंडी के पत्ते 5 पत्ते
9 हार श्रृंगार 5 पत्ते
सभी चीजों को बारीक कूट पीट कर दो भाग कर लें फिर प्रातः काल भूखे पेट व रात्रि को सोते समय खाने के 2 घण्टे बाद चबा चबा कर खायें।
साईटिका तेल:
नील गिरी, तारपीन और तिल का तेल , तीनों 100-100 ग्राम मिला कर
ऊपर से नीचे की दिशा में मालिश करें
जूस:
हार श्रृंगार , निरगुंडी व बिल पत्र के 5-5 पत्ते मिलाकर जूस बनाकर प्रातः काल खाने के 2 घण्टे पूर्व खाली पेट पियें।
नोट
अगर आप परामर्श हेतु वैद्य श्रीमान् हंसराज जी चौधरी साहब से मिलना और दवा लेना चाहें तो नवग्रह आश्रम, मोती बोर का खेड़ा , शनिवार और रविवार को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक आश्रम पर दिखा सकते हैं ।
अगर आपके पास रोगी की कोई जांच रिपोर्ट है तो साथ लेकर आएं रोगी को साथ लाना आवश्यक नहीं ।
Thanks for very informative sharing keep sending ??